जमशेदपुर : द इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन फाऊंडरीमैन (आईआईएफ) द्वारा कोलकाता में बीते गुरुवार को आयोजित 74वें नेशनल फाउंड्री दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान जमशेदपुर के निदेशक डॉ0 गौतम सूत्रधर को आईआईएफ एवं फाउंड्री (पूर्वी क्षेत्र) में उनके लंबे योगदान के लिए एवार्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया. गौरतलब है कि डॉ0 सूत्रधर फाउंड्री टेक्नोलॉजी में देश के अग्रणी विशेषज्ञों में शामिल हैं एवं इन्होंने ऑक्सफोर्ड और आईवीएफ द्वारा प्रकाशित "डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग और इंटीग्रेटेड अप्रोच" नाम से पुस्तक के साथ-साथ न्यू एज पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित "फाउंड्री प्रोसेस डिजाइन" नामक एक पुस्तक लिखी है जो फाउंड्री टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक मानक पुस्तक के रूप में जाना जाता है. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के पत्रिकाओं में 125 से अधिक तकनीकी पत्र प्रकाशित किया है और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 50 से अधिक तकनीकी पत्र प्रस्तुत किया है. वे एआईसीटी नई दिल्ली, सीएसआईआर नई दिल्ली, यूजीसी नई दिल्ली और जीएसटी नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित कई शोध परियोजनाओं का पर्यवेक्षण भी कर चुके हैं और कई पेशेवर निकायों के सदस्य भी हैं. साथ ही, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ कंट्रीमैन के पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
डॉ0 सूत्रधर 1986 में आईआईटी खड़गपुर से फाउंड्री टेक्नोलॉजी में विशेषज्ञ के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल हासिल किया है और बिड़ला इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी बीआईटी मेसरा, रांची से इंजीनियरिंग में पीएचडी की है.
हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड और इंडियन रेल सर्विसेज में पांच साल काम करने के बाद वर्ष 1991 में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैंड्री एंड फॉरेस्ट टेक्नोलॉजी रांची में टीचिंग फैकेल्टी के रूप में अपनी सेवा दी और बाद में सहारनपुर टेक्सटाइल कॉलेज और कल्याणी गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में इन्होंने अपनी सेवा दी. वर्ष 2005 में वे जादवपुर यूनिवर्सिटी कोलकाता में प्रोफेसर बने. डॉ. सूत्रधर मेटल मैट्रिक्स कंपोजिट एवं पॉलीमर मैट्रिक्स कंपोजिट के क्षेत्र में 20 से अधिक एम.टेक. थीसिस और 21 छात्रों को अपने सुपरवीजन में पीएचडी करवा चुके हैं।
अपने एकेडमिक योगदान के अलावा इन्होंने फाउंड्री टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. डॉ0 सूत्रधर ने इंडियन रेलवे, अर्थ मूविंग टेक्सटाइल, ऑटोमेटिव कंपोनेंट्स में कई कंपोनेंट्स विकसित किए हैं और नए उद्यमियों को भी लगातार समर्थन कर रहे हैं जो फाउंड्री और उसके संबंध क्षेत्रों में व्यवसाय शुरू करने में रुचि रखते हैं.
डॉ. सूत्रधर टाइफाइड ,नई दिल्ली एमएसएमई पश्चिम बंगाल और भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए कंट्री क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल हैं. उन्हें द इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर (इंडिया) द्वारा दो बार और द इंस्टिट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्रीमैन द्वारा सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. वर्ष1996 में डीएसटी नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित एसीआरसी विजिटिंग फैलोशिप का, वर्ष 2014 में यूरोपीय यूनियन द्वारा ईएसएनटीई फेलोशिप से भी सम्मानित किया जा चुका है एवं वर्ष 2017 में पूर्वी क्षेत्र से समर्पित फाउंड्री प्रोफेसर के रूप में सम्मानित किया गया था. एनआईटी जमशेदपुर में निदेशक का पद ग्रहण करने के पूर्व डॉ0 सूत्रधर एनआईटी मणीपुर में भी पांच साल से अधिक का कार्यकाल निदेशक के रूप में पूरा कर चुके हैं. एनआईटी जमशेदपुर में निदेशक के रूप में योगदान देने के साथ ही झारखंड के सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग के उद्यमियों के साथ मैराथन बैठक शुरू कर दी और फाउंड्री आधारित तकनीक में आईओटी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग पर काम प्रारम्भ करने पर ज़ोर दिया है। द इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन फाऊंडरीमैन (आईआईएफ) द्वारा कोलकाता में निदेशक डॉ0 गौतम सूत्रधर को सम्मानित किए जाने पर एनआईटी जमशेदपुर के कुलसचिव कर्नल डा.0 निशीथ कुमार राय के साथ-साथ संस्थान के डीन, वरिष्ठ प्राध्यापक, पदाधिकारी एवं छात्रों ने काफी खुशी जाहीर किया है तथा डॉ0 गौतम सूत्रधर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है.
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