कांग्रेस नहीं चाहती है मणिपुर में शांति-विजय महतो Congress does not want peace in Manipur

आदित्यपुर: आईएनडीआईए गठबंधन के कार्यकर्ताओं द्वारा मणिपुर की घटना पर प्रदर्शन करने को लेकर सरायकेला-खरसावां भाजपा जिलाध्यक्ष विजय महतो ने  प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रतिक्रिया व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के गलत नीतियों का खामियाजा देश भुगत रहा है. खुद मणिपुर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस पार्टी को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया था. कांग्रेस पार्टी नही चाहती है कि मणिपुर में शांति लौटे. इसलिए वह वहां देश विरोधी शक्तियों को बढ़ावा दे रही है.
श्री महतो ने कहा कि वहां महिलाओं के साथ जो अमानवीय व्यवहार हुआ उसकी निंदा सभी ने एक सुर में किया. मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने दोषियों को फांसी चढ़वाने तक की बात कही. मणिपुर की घटना के बाद से झारखंड बिहार में भी महिलाओं पर उसी तरह के अत्याचार की कई घटनाएं सामने आई, लेकिन विपक्षी पार्टियों ने चुप्पी साध रखी है. मैतई जो मणिपुर के मूलवासी है उन्हें मणिपुर के मात्र 10 प्रतिशत जमीन रहने को उपलब्ध है. वर्ष 1949 में मणिपुर का भारतीय संघ में विलय हुआ. समझौते के नियमों और शर्तों में मीतेई समुदाय की जनजातीय स्थिति को बनाए रखना भी था.कहा कि आजादी के वक्त मणिपुर में कुकियो की जनसंख्या 1%के आसपास थी जो आज इतने हो गए हैं कि वह मुलवासियो को ही वहां रहने देने का विरोध कर रहे है. कोर्ट ने जब मीतेई समुदाय को पुनः एसटी का दर्जा देने पर विचार करने को कहा, तब दंगे की शुरुआत किसने किया? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मणिपुर पर बहस से भाग रही है और उसके आड़ में सांसद को बाधित किए हुए है. कई जन सरोकार के बिल लंबित पड़ गए है. श्री महतो ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन का जनविरोधी चेहरा पूरा देश देख रहा है.

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