#महोत्सव में होगा आदिवासी संस्कृति,परम्परा और खानपान का अदभुत समागम
#आदिवासी फिल्म और फैशन शो का होगा प्रदर्शन
#मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव ने कार्यक्रम स्थल का दौर कर किया निरीक्षण
रांची: रांची के जेल चौक स्थित भगवान बिरसा मुण्डा स्मृति उद्यान सह संग्रहालय में आगामी बुधवार, 9 अगस्त को झारखण्ड आदिवासी महोत्सव -2023 का आरंभ होगा. इस महोत्सव में झारखंड समेत पूरे देश की आदिवासी संस्कृति, परम्परा, वेशभूषा और खानपान का अनोखा संगम देखने को मिलेगा। महोत्सव में अरुणाचल प्रदेश, असम, आंध्रप्रदेश, ओड़िसा और राजस्थान के जनजातीय समुदाय के मेहमान अपनी परम्परा और संस्कृति से राज्यवासियों को रूबरू कराएंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत नागपुरी, सरायकेला छऊ, डोमकच, पायका समेत अन्य नृत्यों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा की जाएगी. एक ओर जहां लोग सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल होंगे वहीं दूसरी ओर, आदिवासी भाषा के समक्ष चुनौती और अवसर, आदिवासी युवाओं के लिए उद्यमिता, जनजातीय व्यंजनों का विपणन, कृषि पारिस्थितिकी की प्रासंगिकता और महत्व समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा और परिचर्चा का आयोजन भी होगा. सेमिनार के जरिए आदिवासी इतिहास, मानवशास्त्र, आदिवासी अर्थव्यवस्था – एक वैकल्पिक अर्थव्यवस्था की परिकल्पना, जनजातीय साहित्य-काल्पनिक और गैर-काल्पनिक जैसे विषयों पर लोग अपनी बातों को रखेंगे. इस महोत्सव में 32 ट्राइब्स की रीझ रंग रसिका रैली निकाली जाएगी. इसके अलावा ट्राइबल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें पहाड़ा, एड्पा काना, डीबी दुर्गा, बरदु, रवाह, सोंधैयानी, अबुआ पायका, द वॉटरफॉल, बैकस्टेज, सम स्टोरीज अराउंड विचेज, लाको बोदरा, छैला, द अगली साइड ऑफ ऑफ ब्यूटी, बंधा खेत, बठुन्दी, अजतान्त्रिक जैसी फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी. इसके अतिरिक्त ड्रोन शो, लेज़र शो, आतिशबाजी और ट्राइबल फैशन शो का भी आयोजन किया जाएगा. दो दिनों तक आयोजित इस महोत्सव में 32 स्टाल आदिवासियों के होंगे जो अलग-अलग आदिवासी समुदाय को रिप्रेजेंट करेंगे. साथ ही, विभिन्न विभागों और सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के भी स्टाल लगाए जाएंगे. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव विनय कुमार चौबे ने आज अधिकारियों के साथ कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया साथ ही मौके पर कार्यक्रम की तैयारी को लेकर प्रदर्शनी, फूड कोर्ट, पार्किंग, वीआईपी लाउंज, लाइट एंड साउंड शो, फिल्म फेस्टिवल, सेमिनार आदि के लिए उपयुक्त स्थल हेतु निरीक्षण करते हुए उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक और उचित दिशा-निर्देश दिए.
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