रांची(Ranchi) : झारखंड की गठबंधन सरकार का शुक्रवार को हो रहे कैबिनेट विस्तार में चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल में झामुमो कोटे से तीन नये चेहरे शामिल हो रहे है। झामुमो कोटे से नई सरकार में बैजनाथ राम, दीपक बिरुआ और बसंत सोरेन को मौका दिया जा रहा है। बता दें कि बसंत सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के छोटे पुत्र हैं। वर्षब2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन बरहेट और दुमका विधानसभा से चुनाव लड़ेथे। दोनो जगहों से जीत हासिल करने के बाद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने दुमका सीट को छोड़ दिया था। इसी सीट पर छोटे भाई बसंत सोरेन को उपचनाव में उम्मीदवार घोषित किया और जीत दर्ज की। उन्होंने वर्ष 2016 में राज्यसभा चुनाव भी लड़ा था,लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उसके बाद बसंत सोरेन संगठन स्तर पर लगातार काम और संगठन की मजबूती की कवायद में जुटे रहे। वर्ष 2020 के उपचुनाव में पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया और वो जीतकर पहली बार विधायक बने।
झामुमो के कोटे से मंत्री बन रहे बैद्यनाथ राम का जन्म लातेहार जिले के परसही गांव में हुआ था। इन्होंने राजनीतिक शास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की है। शिक्षा पूरी करने के बाद बैद्यनाथ राम लातेहार शहर में स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बतौर शिक्षक तीन साल तक नौकरी की। वर्ष 2000 में जब बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना तब बैद्यनाथ राम शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आ गए। उसी वर्ष उन्होंने जेडीयू के टिकट पर पहली बार लोहरदगा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विजयी हुए। उसके बाद झारखंड सरकार में खेल मंत्री बने। बाद में मद्य निषेध मंत्री और फिर स्वास्थ्य मंत्री भी वे बनाए गए। वर्ष 2005 में बैद्यनाथ राम जेडीयू छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और भाजपा के टिकट पर लातेहार से चुनाव जीत कर शिक्षा मंत्री बने। वर्ष 2009 के चुनाव में इन्हें राजद प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा। 2014 का चुनाव वर्ष 2014 का चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा और फिर 2019 के चुनाव में वे भाजपा से चुनाव लडना चाह रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उसके बाद वे झामुमो में शामिल हो गए और लातेहार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी प्रकाश राम शिकस्त दी।
झामुमो कोटे से बनने वाले तीसरे मंत्री दीपक बिरुआ सिंहभूम जिले के चाईबासा विधानसभा सीट से वर्ष
2009 के चुनाव में झामुमो के टिकट पर विधायक चुने गए। तबसे लगातार तीसरी बार वे विधायक हैं। उन्होंने स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की है। उन्होंने दो बार भाजपा प्रत्याशी पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद को परास्त किया था।
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