गम्हरिया : आनन्दमार्ग प्रचारक संघ की ओर से आनन्दमार्ग जागृति कांड्रा में बाबा नाम केवलम कीर्तन, सत्संग सह मिलित आनन्द भोज का आयोजन किया गया। इस मौके पर उपस्थित भुक्ति प्रधान गोपाल बर्मन ने इस दौरान बाबा शब्द का व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि 'बाबा' शब्द का अर्थ सबसे अधिक प्रिय जन, सबसे अधिक अपना जन होता है। क्योंकि परम पुरुष सब के पिता हैं। इसीलिए सारी सृष्टि के वे बाबा हैं। हम सभी उनकी श्रेष्ठ संतानें हैं। इसलिए उनका नाम ही हमारे मन में, जिह्वा में, मन के अंतर में व अस्तित्व की प्रत्येक द्योतना में अनुरणित होना चाहिए। कहा कि आनन्दमार्ग का उद्देश्य है आत्म मोक्षार्थम जगत हिताय च अर्थात हमलोगों का लक्ष्य है एक हाथ परमपुरुष के चरण पर रख कर दूसरे हाथ से जगत की सेवा करते जाना । जो कार्य अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने में मददगार हो उस कर्म को अपनाना है और जो कार्य बाधक हो उसे दूर हटा देना चाहिए । हमे निःस्वार्थ भाव से जन सेवा करनी चाहिए। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में नीरज, सूर्य प्रकाश, नरेश समेत सभी अनुयायियों का प्रमुख योगदान रहा।

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