जमशेदपुर : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंका के मद्देनजर जमशेदपुर में बुधवार को कई स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह मॉक ड्रिल टाटानगर रेलवे स्टेशन से शुरू होकर जोजोबेड़ा पावर प्लांट ऑटोमोटिव एक्सल्स लिमिटेड समेत कई जगहों पर किया गया। इस दौरान सिविल डिफेंस की टीम ने टाटानगर स्टेशन पर आपातकालीन निकासी और संचार की व्यवस्था का प्रदर्शन किया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और संसाधनों की तैयारी को परखना था। इस दौरान सायरन की तेज आवाज के बीच लोगों से शांति और सहयोग की अपील की गई। पूर्वाह्न 11.30 बजे जैसे ही टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सायरन बजी, माहौल में अचानक सनसनी फैल गई। रेलवे सिविल डिफेंस की टीम खाकी वर्दी में स्टेशन के मुख्य गेट पर तैनात थी। यात्री और स्थानीय लोग उत्सुकता से इस मॉक ड्रिल को देख रहे थे। सायरन की तेज आवाज सुनकर ऐसा लग रहा था मानो कोई बड़ा संकट आ गया हो। रेलवे कर्मचारी और सिविल डिफेंस के जवान तेजी से अपनी जगह ले रहे थे। एक कर्मचारी ने लाउडस्पीकर पर ऐलान किया, "कृपया घबराएं नहीं, यह सिर्फ एक अभ्यास है। निकासी के लिए निर्देशों का पालन करें'। सिविल डिफेंस की टीम ने यात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में बांटकर निकासी मार्ग की ओर ले जाना शुरू किया। स्टेशन के बाहर खुले मैदान में एक अस्थायी कंट्रोल रूम बनाया गया था, जहां से संचार और समन्वय का काम हो रहा था। यह नजारा देखकर युद्ध की तैयारी की गंभीरता समझ आ रही थी। इसी प्रकार, त्रिवेणी अर्थ मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड में मॉक ड्रिल कार्यक्रम किया गया। वहां बड़ी-बड़ी मशीनों और उपकरणों के बीच कर्मचारी तेजी से निकासी की तैयारी कर रहे थे। सुरक्षाकर्मी उन्हें नजदीकी निकास द्वार की ओर ले जा रहे थे। यहां बिजली पूरी तरह बंद थी। सिर्फ आपातकालीन जनरेटर की हल्की रोशनी से काम चल रहा था। सायरन की आवाज गूंज रही थी, जिससे कर्मचारियों में तेजी और सतर्कता दिख रही थी। इसी प्रकार, जोजोबेड़ा पावर प्लांट, जुबिली पार्क समेत कई अन्य स्थानों पर भी अलग अलग तरीके से मॉक ड्रिल कर लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा था। इसे देखने लोगों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस दौरान अग्निशमन दल व मेडिकल टीम भी सक्रिय रही।
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