जादूगोड़ा : पोटका विधायक संजीव सरदार की पत्नी सह विधायक प्रतिनिधि रनीता सरदार ने रविवार को जादूगोड़ा स्थित आदिवासी बालिका उच्च विद्यालय का भ्रमण किया। इस दौरान वह अनुदान से वंचित क्षेत्र के एक मात्र बालिका उच्च विद्यालय की आर्थिक स्थिति व जर्जर छात्रावास से अवगत हुई। इस मौके पर विद्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार हमारी है, विद्यायक संजीव भैया अपने है। इस बालिका उच्च विद्यालय का 10 सालों से बन्द अनुदान चालू करवाएंगे। रनीता सरदार के इस आश्वासन के बाद उम्मीद जगी है कि आदिवासी बालिका उच्च विद्यालय एक बार फिर अपने पुराने गौरव पर लौट आयेगा व बिना मानदेय के काम कर रहे शिक्षकों का भी कायाकल्प होगा। यहां बताते चले कि वर्ष 1984 में छात्राएं खूब पढ़े व आगे बढ़े की सोच को लेकर जादूगोड़ा में एक मात्र आदिवासी बालिका उच्च विद्यालय (गोपालपुर ) की नींव स्व0 मधुसुदन भक्त, भूदेव भक्त, गंगानंद पासवान सरीखे गणमान्य लोगों ने करतुरबा बालिका उच्च विद्यालय के तर्ज पर रखी थी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की नजर पड़ी और वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मुंडा के निर्देश पर विद्यालय को अनुदान मिलना शुरू हो गया ताकि शिक्षकों का मानदेय मिल सके। अनुदान के बाद बालिका उच्च विद्यालय तेज गति से आगे बढ़ा। लेकिन वर्ष 2015 में आई एक काला कानून के बाद बालिका उच्च विद्यालय का अनुदान बंद हो गया। तत्पश्चात, अनुदान से वंचित यह स्कूल बिना मानदेय के ही बच्चों को फिलहाल शिक्षा दे रही है। सात शिक्षक- शिक्षिकाओं का मानदेय ग्रामीणों के चंदे से पूरा किय्या जाता है। इस मौके पर विद्यालय के सचिव शंकर भक्त ने विधायक की पत्नी रनीता सरदार से स्कूल की चारदीवारी व जर्जर छात्रावास निर्माण की मांग की। बहरहाल देखना यह है कि पोटका विधायक संजीव सरदार की पत्नी रनीता सरदार की घोषणा कितना कारगर होता है या राजनीतिक भाषण तक ही सीमित रहता है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा जिस पर
गौर करने वाली बात होगी। इस कार्यक्रम में सुश्री महतो, भूदेव कुमार भक्त, गंगानंद, माधुरी सोरेन पासवान, प्रो0 बादल चंद्र, मुखिया प्रतिनिधि धनु सिंह, चित्ररंजन भक्त
ऑल इंडिया रेडियो से राजेश कुमार राय, जगदीश भक्त, डॉ0 अजीत राय, पदमलोचन भक्त, रोहित कुमार, बाबूलाल सिंह, कैलाश चंद्र भक्त, राखी रानी भगत, जोगिंद्र नाथ भगत, अधिवक्ता राकेश कुमार, रोहित कुमार आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के सम्मान में एक मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई।
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