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बांग्लादेशी घुसपैठिया को हजारीबाग जेल भेजने की मिली अनुमति Permission given to send Bangladeshi infiltrator to Hazaribagh jail

दुमका : बिना पासपोर्ट के अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिक नजमुल हवलदार की दो साल की सजा पूरी हो गई, लेकिन सुरक्षा बल नहीं मिलने की वजह से उसे गुरुवार को जेल से आजादी नहीं मिली। कारा प्रशासन के पत्र पर जेल आइजी ने उसे हजारीबाग के डिटेक्शन सेंटर भेजने की अनुमति भी प्रदान कर दी है। अब नजमुल को शुक्रवार या फिर शनिवार को हजारीबाग भेज दिया जाएगा। केंद्रीय जेल में बंद नजमुल बांग्लादेश के खुलना दक्षिण अंचल के बगेराहाट जिले के मोरेलगंज थाना क्षेत्र के शांतिभंगा गांव का रहने वाला है। उसे 24 फरवरी 23 को साहिबगंज के तालझारी थाना की पुलिस ने उसे रेलवे स्टेशन के आउटर के पास गिरी हुई अवस्था में गिरफ्तार किया था। अगले दिन साहिबगंज के राजमहल थाना में विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि ट्रेन में सवार लोगों ने उसे चोर समझकर फेंक दिया था। उसे भारतीय सीमा में प्रवेश कराने वाला सागर नामक भारतीय था। बांग्लादेश में उससे मुलाकात हुई थी। उसने दिल्ली में काम दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपया लेकर सिलेट सीमा के पास अवैध तरीके से सीमा पार भेज दिया। दिल्ली में कबाड़ी का काम रास नहीं आने पर ट्रेन से वापस लौट रहा था, तभी हादसा हो गया। 16 जून 2024 को संबंधित अदालत ने उसे दोषी मानते हुए दो साल और दस हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई थी। 27 फरवरी को उसकी सजा पूरी हो जाने के बाद वह जेल से रिहा होने वाला था, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से उसे हजारीबाग भेजा नहीं जा सका। जबकि जेल आइजी ने उसे हजारीबाग भेजने की अनुमति प्रदान कर दी थी।

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