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खोरठा साहित्यकार एवं गीतकार विनय तिवारी को मिला बिरसा मुंडा ज्योति सम्मान Khortha litterateur and lyricist Vinay Tiwari received Birsa Munda Jyoti Samman

राँची / खूंटी(Ranchi) : झारखंड सरकार से सम्मानित खोरठा के मशहूर साहित्यकार, लोक कलाकार, कवि, फ़िल्म लेखक, निर्देशक एवं गीतकार विनय तिवारी को अखिल भारतीय सांस्कृतिक विकास महासंघ द्वारा 'बिरसा मुंडा ज्योति सम्मान' से सम्मानित किया गया। अखिल भारतीय सांस्कृतिक विकास महासंघ की 30वीं वर्षगांठ के अवसर पर यह सम्मान इनको अखिल भारतीय सांस्कृतिक विकास महासंध के सचिव मार्शल बरला, संयोजक आशुतोष भगत, अध्यक्ष तपन कुमार घोष के हाथों प्रदान किया गया। यह सम्मान इनके खोरठा गीत, संगीत, सिनेमा एवं साहित्य के क्षेत्र में लगातार सराहनीय कार्य के लिए दिया गया। यह सम्मान पाने वाले विनय तिवारी खोरठा भाषा के प्रथम कलाकार हैं। ज्ञात हो कि विनय तिवारी ने पिछले कई दशकों से अपनी मायकोरवा भाषा खोरठा में हजारों गीत लिख कर खोरठा गीत संगीत को समृद्ध करने में अहम योगदान दिया है। विनय तिवारी झारखण्ड प्रदेश की लोकप्रिय जनभाषा खोरठा के आधुनिक गीत-संगीत व  साहित्य-सिनेमा के अत्यंत ख्यातिलब्ध जनप्रिय व्यक्तित्व का नाम है। उन्होंने अपनी गीतों से अपनी मातृभाषा खोरठा, जो झारखण्ड के सबसे बड़ी आबादी की सामान्य बोलचाल भाषा है, को नई ऊंचाई तक पहुँचाने का अद्वितीय कार्य किया है। उपेक्षित और अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत भाषा खोरठा में विनय जी अनगिनत जनप्रिय गीत व रचना देकर खोरठा को गुमनामी से निकालकर एक पहचान दिलाई। आज अपने राज्य व देश ही नहीं अपितु विश्व पटल पर खोरठा की एक अलग छवि बनी है तो इसमें बड़ा योगदान गीतकार विनय तिवारी का है। वे लंबे समय से खोरठा गीत-संगीत-साहित्य एवं सिनेमा के संरक्षण-संवर्द्धन, विकास एवं प्रचार प्रसार में लगे है। विगत ढाई दशकों से खोरठा भाषा को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए निरंतर बहुविध संघर्षरत हैं और खोरठा भाषा आंदोलन में इनका योगदान अतुल्य है। वे अबतक हजारों गीत खोरठा एवं नागपुरी में लिख चुके हैं। जिन गीतों को झारखंड के तमाम प्रसिद्ध लोक गायक सहित बॉलीवुड के कुमार सानू, उदित नारायण, सपना अवस्थी, अनूप जलोटा सरीखे लब्ध प्रतिष्ठित कलाकारों ने अपने स्वर दिया हैं जो अत्यंत लोकप्रिय हैं। वे छोटी-बड़ी अनेक संस्थाओं के अतिरिक्त कई बार झारखंड सरकार से भी सम्मानित हो चुके हैं एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी सम्मानित किए गए हैं। विभिन्न स्तर के खोरठा सिलेबस में इनकी रचनाओं को पढ़ाया भी जाता है। इनके लिखे गीत एवं कविताओं पर शोध हो चुका है एवं अभी भी जारी है। आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर इनकी वार्ता एवं गीत प्रसारित होते रहते है। विनय तिवारी झारखंड के पहले व्यक्ति है जो विलुप्त प्रायः भाषा बिरहोर एवं खोरठा के संरक्षण - संवर्द्धन के लिए भित्तिचित्र के माध्यम से प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के संगीत नाटक एकेडमी की अध्यक्ष डॉ0 संध्या पुरेचा पहली बार 'मिट टू आर्टिस्ट' प्रोग्राम के तहत झारखंडी भाषा खोरठा के सुप्रसिद्ध लोककलाकार-गीतकार विनय तिवारी के घर रोवाम गाँव पहुँचकर साक्षात्कार कीं।
समाजसेवी कृष्ण कुमार तिवारी, परेश तिवारी, मनोज तिवारी, युवा नेता केके तिवारी, डॉ0 अजय तिवारी, समाजसेवी राजीव तिवारी, उत्तम तिवारी, गौतम तिवारी, प्रियतम कुमार पप्पू, चंदन कुमार चाँद, राहुल तिवारी, अंजन कुमार, गौरव तिवारी, युवा नेता सौरभ तिवारी, रूपेश तिवारी, खोरठा प्रेमी बीरबल महतो, राज रंजन, ईशान तिवारी, रुद्रप्रताप तिवारी आदि ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है।

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