धनबाद : विश्व हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में खोरठा गीतकार, साहित्यकार एवं कवि विनय तिवारी को "हिन्दी आशु काव्यश्री सम्मान" दिया गया। शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन नेपाल द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी आशु काव्य लेखन, प्रतियोगिता लेखन में दिया गया है। ऑनलाइन प्रतियोगिता में उत्कृष्टता के आधार पर 120 रचनाकारों का चयन हुआ था। विश्व भर में विविध कार्यक्रमों के तहत विश्व हिंदी दिवस पर नेपाल में कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें नेपाल की प्रसिद्ध संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउन्डेशन नेपाल द्वारा ऑनलाइन अन्तरराष्ट्रीय हिंदी आशु काव्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कर हिंदी दिवस मनाया गया। देवनागरी लिपि के सरंक्षण तथा भाषिक मैत्री विकास के उद्देश्य से आयोजित कविता प्रतियोगिता में नेपाल, भारत, ऑस्ट्रेलिया, कुवैत तथा अमेरिका से लगभग 500 हिंदी रचनाकारों ने उपस्थिति दर्ज की थी। उसमें से उत्कृष्टता के आधार पर 120 रचनाकारों का चयन कर हिंदी आशु काव्य सम्मान से सम्मानित किया गया है। इन्ही रचनाकारों में झारखंड के धनबाद जिले के रोआम से झारखंड सरकार से सम्मानित खोरठा कवि विनय तिवारी को भी 'हिंदी आशु काव्यश्री सम्मान' पत्र प्रदान किया गया। विनय को यह सम्मान उनकी कविता 'भारत है प्रेम का देश' के लिए दिया गया है। बता दें कि विनय तिवारी पिछले कई दशकों से अपनी मायकोरवा भाषा खोरठा में हजारों गीत लिख कर खोरठा गीत संगीत को समृद्ध करने में अहम योगदान दिया है। उन्हें झारखण्ड प्रदेश की लोकप्रिय जनभाषा खोरठा के आधुनिक गीत-संगीत, साहित्य व सिनेमा के अत्यंत ख्यातिलब्ध जन-जन प्रिय व्यक्तित्व का नाम है। उन्होंने अपने गीतों से अपनी मातृभाषा खोरठा, जो झारखण्ड के सबसे बड़ी आबादी की सामान्य बोलचाल की भाषा है, को नई ऊंचाई तक पहुँचाने का अद्वितीय कार्य किया है। उपेक्षित और अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत भाषा खोरठा में उन्होंने अनगिनत जनप्रिय गीत रचना देकर खोरठा को गुमनामी से निकालकर एक पहचान दिलाई। आज अपने राज्य व देश ही नहीं अपितु विश्व पटल पर खोरठा की एक अलग छाप बनी है तो इसमें बड़ा योगदान गीतकार निर्देशक विनय तिवारी का है। विनय तिवारी लंबे समय से खोरठा गीत-संगीत-साहित्य एवं सिनेमा के संरक्षण-संवर्द्धन, विकास एवं प्रचार प्रसार में लगे है। विगत ढाई दशकों से आप खोरठा भाषा को प्रतिष्ठा दिलाने के लिए निरंतर बहुविध संघर्षरत हैं खोरठा भाषा आंदोलन में आपका योगदान अतुल्य है। वे अब तक हजारों गीत खोरठा एवं नागपुरी में लिख चुके हैं। जिन गीतों को झारखंड के तमाम प्रसिद्ध लोक गायक सहित बॉलीवुड के कुमार सानू, उदित नारायण, सपना अवस्थी, अनूप जलोटा सरीखे लब्धप्रतिष्ठित कलाकारों ने अपना स्वर दिया हैं, जो अत्यंत लोकप्रिय हैं। वे छोटी-बड़ी अनेक संस्थाओं के अतिरिक्त कई बार झारखंड सरकार से भी सम्मानित हो चुके हैं एवं राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी सम्मानित किये गए हैं। विभिन्न स्तर के खोरठा सिलेबस में इनकी रचनाओं को पढ़ाया भी जाता है। इनके लिखे गीत एवं कविताओं पर शोध हो चुका है एवं अभी भी जारी है।आकाशवाणी एवं दूरदर्शन पर इनकी वार्ता एवं गीत प्रसारित होते रहते है। विनय तिवारी झारखंड के पहला व्यक्ति है जो विलुप्त प्राय भाषा बिरहोर एवं खोरठा के संरक्षण - संवर्द्धन के लिए भित्तिचित्र के माध्यम से प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के संगीत नाटक एकेडमी की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा पहली बार 'मिट टू आर्टिस्ट' प्रोग्राम के तहत झारखंडी भाषा खोरठा के सुप्रसिद्ध लोककलाकार-गीतकार विनय तिवारी के घर रोवाम गाँव पहुँचकर साक्षात्कार कीं।
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