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माताजी आश्रम हाता में धूमधाम से मनाई गई स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती, पूर्व सिविल दर्जन अरविंद लाल ने लिया हिस्सा Swami Vivekananda's 162nd birth anniversary was celebrated with great pomp at Mataji Ashram Hata, former civil dozen Arvind Lal participated


●युवा विवेकानंद को आदर्श मानकर चले: डॉ0 अरविंद कुमार लाल
जादूगोड़ा : श्री श्री योगेश्वरी आनंदमयी सेवा प्रतिष्ठान माताजी आश्रम हाता में स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती सह राष्ट्रीय युवा दिवस धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रुप में  श्रीलेदर्स के निदेशक शेखर दे के अलावा सम्मानीय अतिथि के रुप में  पूर्व सिविल सर्जन डॉ0 अरविंद कुमार लाल, पूर्व विधायक मेनका सरदार, जिला परिषद सूरज मंडल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रातः नौ बजे स्वामी विवेकानंद जी की विशेष पूजा सुधांशु शेखर मिश्रा भट्टाचार्य ने की।इसके बाद स्वामी विवेकानंद जी का संगीत प्रस्तुत किया गया जिसमें सुनील कुमार दे, मुकुल मंडल, तड़ित मंडल, शंकर चंद्र गोप, देसाई सोरेन, बीथिका मंडल,भास्कर दे, पतित पावन दास, रेवा गोस्वामी आदि ने भाग लिया। तत्पश्चात  डॉ0 अरविंद कुमार लाल और मेनका सरदार ने दीप प्रज्वलित कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया और स्वामी विवेकानंद की प्रतिकृति पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। इस मौके पर शंकर चंद्र गोप ने स्वागत भाषण देते हुए युवा दिवस पर प्रकाश डाला। इस मौके पर शिबातोष नाग ने विवेकानंद संगीत प्रस्तुत किया जबकि बीथिका मंडल ने स्वामी विवेकानंदजी की वाणी पाठ किया। इस मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए डॉ0 अरविंद कुमार लाल ने कहा कि विवेकानंद जी युवाओं के आदर्श है। युवा उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर अपना जीवन गठन कर सकते हैं। मुख्य अतिथि शेखर दे कहा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत और सनातन धर्म को विश्व के पटल पर प्रतिष्टित किया था। आज देश को स्वामी विवेकानंद की काफी जरूरत है। इस अवसर पर आनन्द साहू, दुलाल मुखर्जी, सुधांशु शेखर मिश्र और पूजा महतो ने भी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला। सुनील कुमार दे ने विवेकानंद पर कविता सुनाई और विवेकानंदजी की जीवनी पर सवाल-जवाब कराया। अध्यक्षीय भाषण रघुनंदन बनर्जी ने दिया। तत्पश्चात, पूर्व में आयोजित आल्पना, मेहदी, शंखध्वनि, लेख, भाषण, संगीत, चित्रांकण, कविता प्रतियोगिताओं के सफल प्रतिभागियो को अतिथियों के हाथों पुरस्कृत किया गया। यह पुरस्कार सुभाष संस्कृति परिषद जमशेदपुर की ओर से दिया  गया था। अंत में धन्यवाद ज्ञापन कृष्णपद मंडल ने किया तथा संचालन राजकुमार साहू ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने  मे मोहितोष मंडल, तपन मंडल, तपन कुमार मंडल, तपन दे, तरुण दे,अर्जुन मोदी, अलक पाल, सनातन महतो, नरसिंह महाकुड़, नारायण चटर्जी, चंचल हलदार, इंद्रजीत हुई, सहदेव मंडल, बिरेन मंडल, मोनी पाल, स्वपन कुमार मंडल,अमल विश्वनाथ, चीकू मरल, मिथुन साहू, लोचना मंडल, सावित्री गोप, इरा पालित, शिला पालित, रंजन पालित, वकुल मिश्रा, संतोष मंडल, महेश बियानी, बन्दना मंडल, अंजलि मंडल, चीनू मा, झरना साहू, तनुश्री साहू, शक्ति रजक, संतोष मंडल, रविंद्र नाथ दास, ब्रह्मपद मंडल, सुजाता मरल, वेला रानी मंडल, निवारण मोदी, मधुसूदन भट्टाचार्य, शालमा हांसदा, गौर घोष,विस्वामित्र खंडायत,तरुण मंडल, यादेबेन्द्र भट्टाचार्य,विद्युत पाल के अलावे विभिन्न स्कूल बच्चे,युवा और भक्त जनों ने अहम योगदान दिया।

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