गम्हरिया : भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष रश्मि साहू ने मइंया सम्मान योजना में सरकार द्वारा रखी गई नई शर्तों व नियमों पर आपत्ति व्यक्त किया है। इस बाबत एक बयान जारी कर उन्होंने कहा है कि विधानसभा चुनाव से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मईयां सम्मान योजना के तहत झारखंड की सभी महिलाओं को इसका लाभ देने की घोषणा की थी। इस दौरान आनन फानन में महिलाओं से आवश्यक दस्तावेज के साथ प्रपत्र लेकर उनके खाते में एक हजार की राशि भेजकर उन्हें सम्मान देने की बात भी कही। चुनाव के वक्त ही मुख्यमंत्री ने उनके खातों में 11 दिसंबर तक 2500/- रुपए राशि भेजने का वादा भी किया था। इस लाभ को लेकर हेमंत सोरेन चुनाव भी जीत गए। किन्तु, चुनाव जीतने के बाद जब उनकी सरकार बनी तो अब तक यह 2500/- की राशि लाभार्थियों के खातों में नहीं पहुंची। इसके साथ ही, सरकार ने इस योजना के लिए नई शर्तें और नियम लागू कर दिए हैं जिससे सभी महिलाएं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। अब इस लाभ के लिए सरकार ने पात्रता तय कर दी है। जबकि चुनाव से पूर्व महिलाओं की पात्रता के लिए ऐसी कोई शर्त नहीं थी। उन्होंने बताया है कि विभागों को विशेष दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं कि येन केन प्रकारेण, योजना का लाभ उठाने वाली महिलाओं का नाम छांटकर लाभुकों की संख्या सीमित रखी जाए। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने चुनाव से पहले 18 वर्ष से ऊपर सभी महिलाओं को इस योजना का लाभ देने की बात की थी तो अब अयोग्य और योग्य लाभुक का तर्क अनुचित है। भाजपा इस मामले में महिलाओं से मंईयां सम्मान योजना की राशि वसूली नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की यह योजना मईयां सम्मान योजना नहीं बल्कि मईयां अपमान योजना बन गई है।
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