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महादशमी पूजन के बाद प्रतिमा विसर्जन के साथ ही दस दिवसीय दुर्गा पूजनोत्सव सम्पन्न After Mahadashami puja, ten day long Durga puja festival concluded with idol immersion

सुहागिनों से सिंदूर खेला कर अखंड सौभाग्यवती रहने का लिया आशीर्वाद
गम्हरिया : महादशमी पूजन के साथ ही विगत दस दिनों से चल रहा माँ दुर्गा पूजनोत्सव संपन्न हो गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पारंपरिक विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर अगले वर्ष फिर आने की कामना कर अश्रुपूरित नेत्रों से माँ को विदाई दी। कई स्थानों पर महिला श्रद्धालुओं ने सिंदूर खेला कर पुनः आने की कामना के साथ माता को विदाई दी। सुहागिन महिलाओं ने माँ को सोलह श्रृंगार कर सिंदूर चढ़ा अपने सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं, बंगाली समाज की महिलाओं ने माता को सिंदूर चढ़ाने के साथ ही एक दूसरे को सिंदूर लगा अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्राप्त किया। सुहागिनों ने पान के पत्तों और पूजन सामग्रियों से मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर मां के पैर छूकर प्रणाम किया। मां को सिंदूर लगाने के बाद उपस्थित महिलाओं ने एक -दूसरे को लंबी सिंदूर लगाया। मान्यता है कि लंबी सिंदूर लगाना पति के दीर्घायु की कामना होती है। यह भी मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा दस दिनों के लिए अपने मायके आती हैं। जिस तरह लड़की के मायके आने पर उसकी सेवा की जाती है, उसी तरह मां दुर्गा की भी खूब सेवा की जाती है। कांड्रा व गम्हरिया क्षेत्र के कई पूजा कमेटियों द्वारा शनिवार को क्षेत्र के विभिन्न नदी व तालाबों में माता की प्रतिमा का विसर्जन किया गया जबकि अधिकांश पूजा कमेटी की ओर से शनिवार को घट विसर्जित कर माता की प्रतिमा का विसर्जन रविवार को किया गया। विसर्जन जुलूस के दौरान क्षेत्र की सड़कों पर माता का दर्शन करने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। इस दौरान क्षेत्र में सभी नदी घाटों व तालाब घाटों पर पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल तैनात रहे। माता को विदाई देने पूजा पंडालों में भक्त श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी थी। दोपहर से ही पूजा कमेटियों की ओर से प्रतिमा विसर्जन शुरू कर दिया था। देर रात तक क्षेत्र की सभी प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया गया।

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