गम्हरिया : कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय मे नियुक्त अंशकालीन शिक्षक कर्मचारियों ने राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री दीपक बिरुआ से मिल कर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन सौंपा। उंक्त ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने अंशकालीन शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने की मांग की बताया कि उनकी नियुक्ति वर्ष 2016 में की गई थी। नियुक्ति के इतने वर्ष बीत जाने के बावजूद भी उन्हें अभी तक मात्र 200/- रुपए प्रति घंटी के दर से ही मानदेय मिलता है और कार्य सप्ताह में पांच दिन ही मिलता है। जब सरकारी छुट्टी रहती है तो उनक मानदेय नहीं मिलता है। झारखण्ड के सभी विभाग के कर्मचारियों को कुछ ना कुछ लाभ मिलता रहा है, लेकिन इन अंशकालीन शिक्षकों को अभी तक कोई भी लाभ नही मिल पाया है। इस कारण उनकी स्थिति दयनीय हो गई है। उनकी मांगों को गम्भीरता से लेते हुए मंत्री ने अगले कैबिनेट में इस पर चर्चा करने का आश्वासन दिया है।
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