●मीरुडीह विकास समिति के आमसभा में महिलाओं ने खुलकर रखी सड़क, पानी और बिजली की समस्याएं, पुरेंद्र ने समस्याओं के निवारण का दिलाया भरोसा
गम्हरिया : मीरुडीह विकास समिति की एक आमसभा बिहारी बस्ती में प्रभाष कुमार झा की अध्यक्षता में हुई सम्पन्न हुई। सभा का संचालन मुकेश कुमार गिरि ने किया। इस दौरान बस्ती की महिलाओं ने खुलकर अपनी समस्याएं रखी। इस मौके पर महिलाओं ने बताया कि इस बस्ती के बसे हुए दस वर्ष से अधिक समय हो गया है। लेकिन बस्ती की करीब 500 परिवारों को अब तक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई गई हैl बस्तीवासियों ने बताया कि बस्ती में बिजली आई है, लेकिन अभी भी ज्यादातर गलियों में बिजली की आपूर्ति नही शुरू हो सकी है। बस्ती में कच्ची सड़कें हैं जो बरसात में पैदल चलने के लायक भी नहीं रहती है। बताया गया कि बस्ती के मुख्य मार्ग पर छाई गिरवाकर चलने फिरने लायक बनाया गया है। बस्ती वासियों ने कहा कि वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या पानी की है। उन्होंने नगर निगम की ओर से बस्ती में दो डीप बोरिंग कराया जाने की मांग की है। इस मौके पर पुरेंद्र नारायण सिंह ने अपने संबोधन में भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं के निवारण के लिए उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक चम्पई सोरेन से अर्जी लगाई है। जल्द समस्याओं को सुलझा लिया जाएगा। उन्होंने बस्ती में बिजली, सड़क और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ इस बस्ती में शीघ्र एक प्राथमिक विद्यालय की भी स्थापना शीघ्र कराने का भरोसा उन्होंने दिलाया। उन्होंने बताया कि पूरे नगर निगम क्षेत्र में 2025-26 में पाइप लाइन जलापूर्ति से पानी मिलने लगेगा। उन्होंने कहा कि बस्ती की सभी समस्याओं से पूर्व मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक चंपई सोरेन को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने बहुत जल्द बिहारी बस्ती मीरुडीह में सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा की समस्या दूर करने का आश्वासन दिया। इस मौके पर पुरेंद्र नारायण सिंह ने बस्तीवासियों से अनुरोध किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में वे अपना बहुमूल्य वोट महागठबंधन के प्रत्याशी को देकर विजयी बनाएं। सभा को राजद के प्रदेश सचिव देव प्रकाश देवता, अधिवक्ता संजय कुमार, शिक्षाविद एसडी प्रसाद, प्रमोद गुप्ता आदि ने भी संबोधित किया। आमसभा को सफल बनाने में मीरुडीह विकास समिति के प्रभाष कुमार झा, मुकेश कुमार गिरि, अभिनंदन शर्मा, सूरजभान पाल, दुर्गेश मिश्रा, अविनाश झा, राजू, नीतीश कुमार, चंद्र प्रकाश सिंह का अहम योगदान रहा।
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