रांची(Ranchi) : झारखंड सरकार से सम्मानित खोरठा के मशहूर साहित्यकार, कवि, फ़िल्म लेखक, निर्देशक एवं गीतकार विनय तिवारी ने एक कार्यक्रम के तहत कहा कि आज झारखंड राज्य से बाहर पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खोरठा गीत, संगीत, सिनेमा एवं साहित्य के प्रति लोगों की रुझान बढा है। लोग खोरठा को जान रहे हैं और सुन रहे हैं। गैर खोरठा भाषी भी खोरठा भाषा के बारें में जान रहे हैं। विदेशी शोधकर्ताओं का रुझान खोरठा भाषा पर पड़ा है तो निश्चित रूप से यहाँ के भागीरथी प्रयास करने वाले खोरठा गीतकार विनय तिवारी, गायक गौत्तम महतो, मनोज देहाती, पायल मुखर्जी, संतीश दास, चंचल, घनश्याम महतो, कलाकारों में अमन राठौर, कमलेश पांडेय, विक्रम रवानी आदि खोरठा भाषा भाषी के लिए एक बहुत बड़ा नाम है जिसे कभी भी खोरठा जगत में भुलाया नहीं जाएगा। जब भी खोरठा गीत, संगीत एवं सिनेमा की इतिहास लिखा जाएगा, इनलोगों का नाम इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षर में लिखा जाएगा। इनलोगों ने अपना पूरा जीवन इस भाषा के संरक्षण संवर्धन, विकास, सम्मान व पहचान के लिए दिया है। समय-समय पर जोरदार आवाज़ भी उठाई एवं जरूरत पड़ा तो आंदोलन भी किया है जो इतिहास के पन्नों पर अंकित है।
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