गम्हरिया : आनन्दमार्ग स्कूल कांड्रा में आनन्दमार्ग प्रचारक संघ की ओर से बाबा नाम केवलम कीर्तन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से उपस्थित भुक्ति प्रधान गोपाल बर्मन ने कहा कि जीवन की आकांक्षित लक्ष्य परम पुरुष को पाने के लिए ज्ञान कर्म और भक्ति अनिवार्य है। ज्ञान और कर्म के द्वारा भक्ति का जागरण होता है और इस भक्ति के द्वारा ही मनुष्य स्वर्गीय आनंद को प्राप्त करता है। उन्होंने कहा कि भक्ति जहां सभी दोषों से मुक्त ज्ञान है, वहीं कर्म से कुछ कमियां रह जा सकती हैं। सिर्फ ज्ञान मनुष्य को आलसी और अहंकारी बना देता है, वहीं सिर्फ कर्म मनुष्य को अहंकारी बना देता है। जब तक आध्यात्मिक साधक इन दोषों से छुटकारा नहीं प्राप्त कर लेता है तब तक साधक केवला भक्ति में प्रतिष्ठित नहीं हो सकता है। परम पुरुष को पाने के लिए केवला भक्ति अनिवार्य है। इसलिए बुद्धिमान मनुष्य को ज्ञान और कर्म के दोषों से बचने के लिए भक्ति का आश्रय लेना ही होगा। उन्होंने कहा कि विनम्रता, सहिष्णुता और सरलता को अपनाकर उन लोगों को आदर देना सीखना पड़ेगा जिन्हें कोई आदर नहीं देता और समृद्ध रूप से कीर्त्तन का आयोजन करना होगा। इस मौके पर काफी संख्या में आनंदमार्ग के अनुयायी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कुणाल दास, प्रवेश गोप, जितेन बर्मन, गौरी शंकर, राज किशोर, बसन्त रामदेव आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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