गम्हरिया : राज्य के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि विरोधियों का डटकर मुकाबला करते हुए झारखंड को अस्थिर होने से बचाएं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी से लेकर केंद्र की जांच एजेंसियों का भय दिखाकर केंद्र की भाजपा सरकार राज्य को अस्थिर करना चाहती है। हमें ऐसे मौके पर अपनी शहीदों की इस भूमि को बचाने के लिए एकजुट होना होगा। स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी के संगम तट पर स्थित दोमुहानी के सपड़ा में झामुमो कार्यकर्ता मिलन समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री सोरेन ने कहा कि अपने हक एवं अधिकार के लिए आदिवासी-मूलवासी एकजुट होकर एकता का परिचय दें। कहा कि हमारे पूर्वजों ने जेल यात्राएं एवं शहीद होकर अलग राज्य हासिल किया है। राज्य के विकास में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। यह राज्य हम सभी को संघर्ष और बलिदान से मिला है, लिहाजा विकास करने से कोई रोक नहीं सकता। सोरेन ने कहा कि झामुमो सदैव विरोधियों के निशाने पर रही है। बीजेपी 20 वर्षों तक राज किया, किंतु कभी राज्य का विकास नहीं किया। हमें 4 वर्षों का मौका मिला, जिसमे 2 वर्ष तो कोरोना में ही कट गया। बीजेपी ने यहां के लोगों को शिक्षा से वंचित रखने का प्रयास किया। जबकि हमारी सरकार का प्रयास राज्य का चहुमुखी विकास है। इसके तहत सबसे पहले शिक्षा की जड़े मजबूत हो इसके लिए राज्य में गुणवत्ता युक्त पठन-पाठन विद्यालयों को खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य में शिक्षा की बुनियाद मजबूत नहीं होगी, यहां के लोग पढ़ लिख कर डॉक्टर, इंजीनियर और अफसर नहीं बनेंगे, तब तक भाजपा से शोषित पीड़ित होते रहेंगे। उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत नियोजन में आरक्षण एवं 50 वर्ष के लोगों को पेंशन देने का निर्णय हेमंत सोरेन सरकार का सबसे उत्कृष्ट कार्य रहा है।
इस अवसर पर 20 सूत्री अध्यक्ष छाया कांत गोराई ने कहा कि कार्यकर्ताओं के बदौलत ही संगठन में मजबूती आती है। संगठन हमारा घर है। विरोधी दलों के झांसे में आकर कार्यकर्ता कभी कभी अपने घर में बगावत का बिगुल फूंक देते हैं। इससे सभी को बचना होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने गैर भाजपाई राज्य को अस्थिर करने का कुचक्र रच रही है। इसका हम सभी को डटकर मुकाबला करना होगा। इस अवसर पर रंजीत प्रधान, पितवास प्रधान, गुरुचरण मुखी आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन नगर अध्यक्ष दीपक मंडल ने किया।
ये थे उपस्थित।
कार्यक्रम में मंत्री के आप्त सचिव चंचल गोस्वामी, बीटी दास, निरंजन महतो, परमेश्वर प्रधान, दीपक नायक, गोरा बर्मन, संजय दास, रश्मि मुर्मू, पिंकी मंडल, बिट्टू बास्के, सुभाष करुवा, ममता बेज काफी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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