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जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द होने से झारखंड के छात्रों का फूटा गुस्सा, किया आयोग का घेराव Jharkhand students got angry due to cancellation of JSSC CGL exam, surrounded the commission


रांची (Ranchi) : जेएसएससी सीजीएल परीक्षा रद्द होने से छात्रों में जेपीएससी और झारखंड सरकार के प्रति रोष व्याप्त है। इससे आक्रोशित हजारों छात्रों ने शुक्रवार को जेएसएससी कार्यालय का घेराव किया और आयोग व सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की। इस छात्र महाआंदोलन का सबसे बड़ी विशेषता है कि यह विशुद्ध रूप से छात्रों का आन्दोलन है। इसमें नेता या छात्र नेता की कोई भूमिका नहीं है। यह आन्दोलन 1942 की भारत छोड़ो आन्दोलन के तर्ज पर छात्रों का स्वत:स्फूर्त आन्दोलन है। इसमें अंग्रजों भारत छोड़ो की तरह ही छात्रों द्वारा 'हेमंत कुर्सी छोड़ो' का नारा दिया गया।


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड के युवाओं को दो वर्ष के अंदर पांच लाख नौकरी देने की वादा किया था। उसके बाद समय-समय पर युवाओं द्वारा नौकरी की मांग उठने लगी। उस दबाव को देखते हुए हेमंत सरकार ने आनन-फानन में वर्ष 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित कर दिया जो पुरी तरह असफल रहा। छात्रों द्वारा जब भी नियुक्ति की मांग की गई सरकार एक महीने में 20 हजार, दो महीने में 30 हजार नियुक्ति करती रही और आश्वासन पर आश्वासन देकर चार वर्ष गुजार दी। बहुत से छात्र नेता इन मुद्दों को भंजा कर नेता बन गये। लेकिन छात्रों का मुद्दे जस का तस पड़ा रहा उनक भविष्य अंधकारमय होता चला। जेपीएससी व जेएसएससी पुरी तरह निष्क्रिय हो चुकी है। समय पर कोई परीक्षा नहीं ले रही है। कोई परीक्षा होती भी है तो विवादित हो जाती है और अंत में रद्द कर दी जाती है। परीक्षा के इंतजार में लाखों छात्रों की उम्र खत्म हो रही है या हो गई है।


विगत दिनों जेएसएससी सीजीएल जो वास्तव में 2016 की वैकेंसी है, कई बार रद्द हो चुकी है। बताया गया है कि परीक्षा होने वाली थी। लेकिन परीक्षा से कुछ दिन पहले आयोग ने परीक्षा लेने में असमर्थता जताई और परीक्षा स्थगित कर दिया जिससे आक्रोशित हजारों छात्रों ने 15 दिसंबर को कार्यालय घेराव की रणनीति बनाई और कंपकंपाती ठंड में आयोग के कार्यालय की घेराबंदी किया। आंदोलित छात्रों द्वारा सभी परीक्षाएं शीघ्र व पारदर्शी तरीके से करने की मांग की गई है। इस आंदोलन में मुख्य रूप से राजेश ओझा, विशाल पाल, प्रकाश पोद्दार, काजल मंडल, कुणाल प्रताप, सत्यनारायण शुक्ला, विनय मेहता, अरुण अग्रवाल, भारती कुशवाहा, अनुज शंकर, इमाम साफी, अनिल मिश्र, संजय तिवारी, पवन झा, स्मृति ऐश्वर्या, राजा दास, राम शरण समेत काफी संख्या में छात्र एवं शिक्षक शामिल हुए।

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