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कुंदन का शव घर पहुंचते ही परिजनों के क्रंदन से माहौल हुआ गमगीन, मां और बहनों की दहाड़े सुन लोगों की आंखें भी हुई नम As soon as Kundan's body reached home, the atmosphere became sad due to the crying of the family members

मृतक कुंदन का फ़ाइल फोटो और शव के पार रोटी बिलखती मां व बहन
आदित्यपुर : रविवार को कुलूपटांगा घाट के निकट खरकई नदी में डूबे कुंदन शुक्ला का शव सोमवार को जैसे ही उसके घर पहुंचा परिजन दहाड़ मारकर बिलखने लगे। सबसे बुरा हाल कुंदन की मां और बहनों का था। वहीं कॉलोनीवासियों की भी आंखें नम हो उठी। परिजनों के क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो उठा।
इधर आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह और गम्हरिया अंचलाधिकारी गिरीन्द्र टूटी मौके पर पहुंच कर शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताते हुए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। इस दौरान आरआईटी थाना प्रभारी सागर लाल महथा, अधिवक्ता संजय कुमार, निरंजन मिश्रा, सुनील कुमार, पूर्व पार्षद रिंकू राय सहित क्षेत्र के कई गणमान्य लोग मौके पर मौजूद रहे। सभी ने शोक संतप्त परिवार को ढांढ़स बंधाया और दु:ख के इस घड़ी में हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिया।



कुंदन के अंतिम यात्रा में शामिल लोग
इधर, मृतक कुंदन शुक्ला के पार्थिव शरीर का विधि-विधान के साथ रस्म अदायगी के बाद शव यात्रा निकाली गई जिसमें भारी संख्या में नम आंखें लिए क्षेत्र के लोग शामिल हुए। बता दें कि कुंदन शुक्ला अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। बीबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद हाल ही में उसकी नौकरी लगी थी। छठ पूजा के बाद उसकी जॉइनिंग होनेवाली थी। इस बीच रविवार को हुए एक हादसे में उसकी मौत के बाद परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बताया जाता है कि मृतक के पिता रविंद्र शुक्ला पेशे से पुजारी हैं और पूजा- पाठ कराकर बड़े उम्मीद से अपने बेटे को बीबीए कराया था। मगर नियति के आगे उनकी किस्मत ने दगा दे दिया और बुढ़ापे की लाठी छीन ली। इस वीभत्स घटना से पूरे आदित्यपुर क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी है।यहां तक कि छठ पर्व में होने वाले तामझाम को भी रोक दिया गया और सादगीपूर्वक छठ संपन्न कराया गया।

पुरेन्द्र ने मृतक के परिजन को 20 लाख मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की उठाई मांग
इस घटना पर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने प्रशासन से आपदा प्रबंधन के तहत दिए जाने वाले 4 लाख रुपया बतौर मुआवजा देने के अलावे परिजनों को 20 लाख रुपए एवं परिवार के एक सदस्य को एक नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मृतक अपने मां-बाप का इकलौता वारिस था। उसके असामयिक निधन से पूरा परिवार बिखर गया है। ऐसे में उसके बूढ़े मां-बाप को जीवन बसर के लिए 20 लाख रुपए मुआवजा एवं परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि आदित्यपुर ने एक होनहार बेटा को खो दिया है। इसकी भरपाई संभव नहीं है। कुंदन एक बेहद ही प्रतिभाशाली और कर्मठ युवा था।

नदी किनारे सभी घाटों पर  तैराकों की सूची बोर्ड पर प्रकाशित हो -पुरेंद्र

पूरेंद्र नारायण सिंह ने प्रशासन से खरकाई नदी के किनारे सभी घाटों पर स्वैच्छिक सेवा देने वाले तैराकों की सूची मोबाइल नंबर के साथ बोर्ड पर प्रकाशित किए जाने की मांग की है, ताकि इस प्रकार की दुर्घटना के समय तैराकों को त्वरित सूचना दी जा सके और लोगों की जान बचाई जा सके।

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