# गम्हरिया में आयोजित शिव शिष्य संगोष्ठी में जुटे पांच हजार से अधिक शिव शिष्य
गम्हरिया : शिव शिष्य हरिन्द्रानंद फाउंडेशन सरायकेला-खरसावां की ओर गम्हरिया स्थित श्रीराम डिवाइन एकेडमी प्रांगण में एक दिवसीय शिव शिष्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ प्रातः भजन के साथ किया गया जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित दीदी बरखा आनंद ने भगवान शिव की अपार गुणों का बखान किया। उन्होंने कहा कि शिव सिर्फ नाम के नहीं अपितु काम के गुरु हैं। कहा कि शिव के औढरदानी स्वरूप से धन, धान्य, सन्तान, संपदा प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है तो उनके गुरु स्वरूप से ज्ञान क्यों नहीं प्राप्त किया जाय। दीदी बरखा ने कहा कि शिव जगतगुरु हैं। अतः जगत का एक एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग का हो, शिव को गुरु बना सकता है। उन्होंने कहा कि शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारंपरिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नही है। केवल यह विचार है कि ' शिव मेरे गुरु हैं' शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरुआत करता है। इस दौरान दीदी बरखा ने बताया कि शिव का शिष्य होने में मात्र तीन सूत्र ही सहायक है। बताया कि शिव से दया मांगना, शिव को गुरु बनाने के लिए दूसरे व्यक्ति से चर्चा करना और मन ही मन प्रणाम कर नमः शिवाय मंत्र के साथ उनको प्रणाम करना, शिव शिष्य होने के यही तीन सूत्र सहायक हैं। इससे पूर्व शिव शिष्य नगीना पंडित द्वारा आगतों का स्वागत किया गया। उसके बाद विक्रांत अम्बुज ने संगोष्ठी के उद्देश्यों को बताया। कार्यक्रम के आयोजन में लालबाबू, मदन कर्ण, विमल सिंहदेव, रुना देवी, रेणु देवी, कमला देवी, पिंकी समेत क्षेत्र के सभी शिव शिष्यों का योगदान रहा। इस कार्यक्रम में आदित्यपुर, गम्हरिया, कांड्रा, सरायकेला, जमशेदपुर समेत अन्य जिलों से पांच हजार से अधिक शिव शिष्य शामिल हुए।
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