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हाथियों ने चांडिल के कुरली गांव में मकान तोड़ कर अनाज खाया

चांडिल: चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों का उत्पात बदस्तूर जारी है. हाथियों का झुंड आए दिन किसी न किसी गांव में घुस कर मकान तोड़ देते हैं. अनाज खाने के साथ ही खेतों में लगे फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार की रात जंगली हाथियों का झुंड चांडिल प्रखंड के कुरली गांव में धावा बोला. झुंड में पांच से छह हाथी शामिल थे. इसमें बच्चा हाथी भी था. हाथियों के झुंड ने कुरली गांव के दुखनी महतो नामक विधवा महिला के मकान को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया और मकान के अंदर रखे धान व चावल को अपना आहार बनाया. कुरली गांव में दुखनी महतो के मकान पर हाथियों का झुंड जहां धावा बोला था, उस कमरे में एक युवती सोयी थी. मकान का ईंटा गिरने की आवाज सुनकर युवती कमरे से बाहर निकल दूसरी ओर भागी. हाथियों द्वारा मकान ध्वस्त करने के दौरान उसका खटिया ईंटों से दब गया था. युवती ने ग्रामीणों को हाथी द्वारा मकान क्षतिग्रस्त किए जाने की सूचना दी. बताया गया कि करीब सात क्विंटल धान और चावल को हाथियों ने अपना निवाला बनाया. हाथियों का झुंड गांव के समीप जंगल में अपना डेरा जमाये हुए है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को देते हुए जंगली हाथियों से जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है. इसके पहले भी जंगली हाथियों का झुंड कुरली गांव में धावा बोलकर मकानों को क्षतिग्रस्त कर अनाज चट कर गया था. जंगली हाथियों का झुंड आने-जाने के दौरान खेतों में लगी फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं. बुधवार की रात को भी कुरली गांव के आधा दर्जन किसानों के खेतों में धान का बिचड़ा खाकर और रौंदकर बर्बाद कर दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि एक तो मानसून की बेरूखी से खेती का कार्य प्रभावित हो रहा है. वहीं दूसरी ओर जंगली हाथियों द्वारा नुकसान किए जाने से किसान चिंतित हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों से जंगली हाथी समस्या का स्थायी हल निकालते हुए ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. हाथी प्रभावित क्षेत्रों में विभाग को अपना दस्ता तैयार करना चाहिए, जो हाथियों को वापस जंगल की ओर ले जाने का काम करेगी.

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